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रात

फ़र्ज़ कीजिए कि आप गिर रहे हों एक अंतहीन खाई में

Tuesday, 9 April 2019



ट्रेन

मैं वक़्त से तीन घंटे पहले स्टेशन आ गया था। डिस्प्ले बोर्ड बता रहा था कि ट्रेन लेट थी। मुझे आए दो घंटे हुए थे। मैं प्लेटफॉर्म पर लगी स्टील की एक बेंच पर बैठा हुआ था।

Saturday, 28 July 2018



ब्लूज़

तुम कहती हो ये रेजिस्टेंस नहीं ठहर पाता,

Thursday, 15 March 2018



इंतज़ार

"अहा! तुम लौट आए."

"लौटा तो हूँ, पर ठहरूँगा नहीं."

Sunday, 4 March 2018



फिलॉसफर

लहरों का बनना, बिगड़ना, आना, और वापस लौट जाना धीरज को उलझाये हुए था. उसने अपनी नज़र घुमाई तो देखा कि वाणी सामने की ओर देख रही है. मुग्ध, स्थिर.

Saturday, 9 December 2017



देखो ना

1.

मेरे तकिए तले

हौले से उग आया है कुछ

तुम्हारी याद शायद रह गई है

Saturday, 8 July 2017