ट्रेन मैं वक़्त से तीन घंटे पहले स्टेशन आ गया था। डिस्प्ले बोर्ड बता रहा था कि ट्रेन लेट थी। मुझे आए दो घंटे हुए थे। मैं प्लेटफॉर्म पर लगी स्टील की एक बेंच पर बैठा हुआ था। Saturday, 28 July 2018 read
फिलॉसफर लहरों का बनना, बिगड़ना, आना, और वापस लौट जाना धीरज को उलझाये हुए था. उसने अपनी नज़र घुमाई तो देखा कि वाणी सामने की ओर देख रही है. मुग्ध, स्थिर. Saturday, 9 December 2017 read