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यादें


- - - - - - - १- - - - - - -

वक़्त की शाख से
टूटकर वो लम्हेगिरे हैं दिल की झोली में
यादें बनकर

बैठा हूँ इस शाम फिर
सहेजने को
बरसाए हैं नैनों ने
दिल के कोने से
जो मोती चुनकर..

- - - - - - - २- - - - - -

यादेँ तेरी
मेघों सी
बरसी हैँ,
छलकी हैँ
दिल के कोने से

पन्ना दिल का
भीगा भीगा
और मैँ खोया खोया..

Tuesday, 28 May 2013




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